आत्मशुद्धि परिवार

अद्भुत ऐसे जिनशासन को वंदन…वंदन…वंदन…

10 द्रष्टान्त से दोहला मानवजन्म और अद्भुत जिनशासन महापुण्योदय से हमें प्राप्त हुआ है। मानवभव और जिनशासनकी प्राप्ति के बाद हमे जिनशासन की प्रभावना के साथ स्वकल्याण करना चाहिए । स्वकल्याण के लिए आत्मशुद्धि तो जिनशासन की प्रभावना के लिए पुण्यवृद्धि की आवश्यकता है ।

 

“स्वनु जीवन प्रथम आपणे शुद्धि युक्त करशुं ,
पछी मैत्री – भक्तिना दावे, विश्व मात्रमां फरशुं,
जिनशासन नी दिव्य धजाने, गगने लहेरावीशु,
एनी रक्षा करवा काजे जीवन अर्पण करशुं…”

पूज्यपाद गुरुदेव युगप्रधान आचार्यसम पंन्यासप्रवर श्री चन्द्रशेखर विजयजी म.साहेब ने रची हुई शासन वंदना की उपयुक्त पंक्ति को ध्यान में रखके उनके ही शिष्यरत्न पू.आचार्यदेव श्रीमद् विजय मेधदर्शनसूरीश्वरजी म.साहेब की प्रेरणा से स्वकल्याण और शासन प्रभावना के कार्यो के लिए “आत्मशुद्धि-पुण्यवृद्धि परिवार” की स्थापना हुई है जो “आत्मशुद्धि परिवार” नाम से भी पहचान जाता हैं ।

जैन शासन की स्पर्शना करने वाले अनेक युवाओं “आत्मशुद्धि परिवार” के सभ्य बनकर पूज्य पाद गुरुदेव श्री मेधदर्शनसूरीश्वरजी म.सा की प्रेरणा और मार्गदर्शन से स्वकल्याण के साथ शासन-संघ की सेवा, प्रभावना कर रहे हैं । आप भी स्वकल्याण के साथ शासन-संघ की सेवा प्रभावना के लिए आप भी “आत्मशुद्धि परिवार” से जुड़ सकते हैं। “आत्मशुद्धि परिवार” से हो रही शासन-संघ की सेवा प्रभावना की सभी जानकारी इस हमारी वेबसाईट www.atmashuddhi.com के माध्यम से आपको मिलती रहेगी।

उतना ही नहीं पूजापाद गुरुदेव आ. श्री मेधदर्शनसूरीश्वरजी म.साहेब लिखित-संकलित-संपादित सभी किताबे, हर महीने प्रगट हो रहा “GYAN4U” मासिक हिंदी और गुजराती भी आपको इसमे पढ़नेको मिलेगी ।
पूज्य श्री का विहार कार्यक्रम, संपर्क सेतु , आपके सवाल का जवाब, हो रही/ होने वाली विविध प्रवृत्तियो की माहिती भी इसी माध्यम से मिलेगी। विशेष जानकारी के लिए Menu देखिए।

– आत्मशुद्धि परिवार